मंगलवार व्रत कथा (श्री हनुमान जी )

श्री हनुमान जी का व्रत बहुत ही फलदायी और कल्याणकारी माना जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और भक्त को साहस, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन किया जाता है। व्रत के दौरान भक्त श्री हनुमान जी की पूजा करते हैं और उनकी कथा का श्रवण करते हैं।
व्रत करने की विधि
मंगलवार के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें।
लाल वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को स्वच्छ करें।
श्री हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
लाल फूल, चंदन, और गुड़-चने का भोग अर्पित करें।
श्री हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करें।
पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और फलाहार करें।
शाम को हनुमान जी की आरती करें और भोग वितरित करें।
श्री हनुमान व्रत कथा
एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।
घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।
एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।
वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।
बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?
पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।
घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।
ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।
जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।
🙏🏻✨ जय श्री राम! जय हनुमान! ✨ 🙏🏻
हनुमान जी की पूर्ण आरती (🔱 आरती कीजै हनुमान लला की 🔱)
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदायी।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
दे वीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सघन मांहि।
सजीवन्ह करि लाए रघुनाथ पाय॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
पैठि पाताल तोरि जम-कारा।
अहिरावण की भुजा उखारा॥
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जय जय जय हनुमान उचारे॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
जो हनुमान जी की आरती गावे।
बसि बैकुंठ परम पद पावे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥