Gangaur 2025: तारीख, पूजा विधि, महत्व और इसे खास कैसे बनाएं | Gangaur Festival Date, Puja Vidhi & Significance

गणगौर (Gangaur) का त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है। यह पर्व खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति की कामना करती हैं। आइए जानते हैं कि गणगौर 2025 कब है, इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है, और इसे कैसे मनाया जाता है।

गणगौर 2025 कब है? | Gangaur 2025 Date & Timing

गणगौर त्योहार 31 मार्च 2025 (सोमवार) को मनाया जाएगा। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो हर साल होली के तुरंत बाद आता है।

Gangaur 2025: तारीख, पूजा विधि, महत्व और इसे खास कैसे बनाएं | Gangaur Festival Date, Puja Vidhi & Significance

गणगौर का महत्त्व | Significance of Gangaur Festival

गणगौर देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक है। माँ गौरी को प्रेम, समर्पण और वैवाहिक जीवन की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं माँ गौरी की पूजा करके अपने वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। राजस्थान में इसे सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाता है, जहाँ सजीव झाँकियाँ, मेहंदी रचाने की परंपरा और लोक गीतों का आयोजन किया जाता है।

गणगौर व्रत और पूजा विधि | Gangaur Vrat & Puja Vidhi

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

  2. गौरी-शंकर की मिट्टी की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करें।

  3. 16 दिनों तक (होली के दूसरे दिन से) गेहूं के अंकुर उगाएँ और उनकी सेवा करें।

  4. गणगौर माता को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं, जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि।

  5. गौर माता की कथा सुनें और सुहाग की लंबी उम्र की कामना करें।

  6. शाम को जल में विसर्जन कर पूजा सम्पन्न करें।

  7. अविवाहित लड़कियाँ घुड़लिया (मिट्टी के छोटे घड़े जिसमें दीप जलते हैं) सिर पर रखकर गीत गाती हैं।

गणगौर को खास कैसे बनाएं? | How to Celebrate Gangaur in a Special Way?

  • पारंपरिक परिधानों में सजें: राजस्थान की पारंपरिक पोशाक जैसे घाघरा-चोली और बंधेज की साड़ी पहनें।

  • लोक गीत और नृत्य: गणगौर के लोक गीत गाएं और गरबा व घूमर नृत्य करें।

  • मेंहदी और साज-सज्जा: हाथों में मेंहदी लगाएं और सुहाग की चीज़ों का विशेष महत्व दें।

  • गणगौर मेले में जाएं: राजस्थान में कई स्थानों पर गणगौर मेले आयोजित होते हैं, जो इस त्योहार की रौनक बढ़ाते हैं।

गणगौर के प्रभाव और लोकप्रियता | Popularity of Gangaur Festival

हालांकि गणगौर मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है, लेकिन इसकी लोकप्रियता अन्य राज्यों में भी देखी जाती है। मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। राजस्थान के बाहर बसे प्रवासी राजस्थानी समुदाय भी इसे पूरी श्रद्धा और भव्यता से मनाते हैं।

निष्कर्ष | Conclusion

गणगौर 2025 एक अद्भुत पर्व है जो नारी शक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इसे पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएं और इस पावन अवसर को यादगार बनाएं। क्या आप इस बार गणगौर मनाने के लिए तैयार हैं?

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