Shri Hanuman Ji ki Aarti:
श्री हनुमान जी की आरती,आरती कीजै हनुमान लला की...

हनुमान जी की पूर्ण आरती (🔱 आरती कीजै हनुमान लला की 🔱)
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदायी।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
दे वीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सघन मांहि।
सजीवन्ह करि लाए रघुनाथ पाय॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
पैठि पाताल तोरि जम-कारा।
अहिरावण की भुजा उखारा॥
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जय जय जय हनुमान उचारे॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की…
जो हनुमान जी की आरती गावे।
बसि बैकुंठ परम पद पावे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥